गुरुवार, 16 फ़रवरी 2023

आईपीओ क्या है -IPO KYA HAI

IPO

 

IPO KYA HAI-आईपीओ यानि इनिशियल पब्लिक ऑफर क्या है कब लाया जाता है आज हम लोग वो सब जानेंगे जो एक आईपीओ निवेशक को निवेश करने से पहले पता होना चाहिए इनिशियल पब्लिक ऑफर जब कोई कंपनी धन उगाही करना चाहती है लेकिन उस धन पर ब्याज नहीं देना चाहती है तो आईपीओ लेकर आती है क्यों की आईपीओ में पैसा पब्लिक निवेश करती है और उस निवेश के बदले उनको कंपनी के शेयर इशू किये जाते है कंपनी उस पैसे का उपयोग कंपनी के ग्रोथ के लिए करती है और कुछ हिस्सा पुराने कर्ज को चुकाने के लिए भी उसे करती है ताकि कंपनी का ब्याज पर खर्च कम हो सके ! और कंपनी अपनी देनदारी के बोझ को कम कर सके ! जब भी कोई फर्म आईपीओ लाना चाहती है तो मर्चेंट बैंकर से संपर्क करती है मर्चेंट बैंकर वो व्यक्ति होता है जो कंपनी के लिए क़ानूनी दस्ताबेज का प्रबंधन करता है जो उसे आईपीओ सिस्टम में शामिल होने और आवेदन करने में मदद करती है मर्चेंट बैंकर कंपनी का ड्राफ्ट भी बनता है ताकि सेबी उसकी कंपनी की वित्तीय आकड़ो की जांच कर सके और उसे मंजूरी दे सके, बाद में उन आकड़ो को सेबी की वेबसाइट (https://www.sebi.gov.in/) पर upload  kar दिया जाता है ताकि आईपीओ निवेशक को भी इसकी जानकारी मिल सके और निवेशक सोच समझ कर कंपनी के भविष्य की संभाववनाओ को देखते हुए निवेश का निर्णय ले न की प्रलोभन और सुनी सुनाई बातो पर ! 

IPO KYA HAI और मुनाफा देने वाले आईपीओ का चुनाव कैसे करे

 जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा पढ़े जब शेयर की खरीद बिक्री आईपीओ के माध्यम से होती है और वो एक्सचेंज पर लिस्ट नहीं हुए होते है तो उसे प्राइमरी मार्केट बोल जाता है जहा हमें शेयर निश्चित संख्या में  या कम से कम एक लॉट खरीदनी पड़ती है

IPO KYA HAI

जब कंपनी आईपीओ लेन के लिए सेबी में अप्लाई करती है तो सेबी दस्तावेजों की जांच करती है सब कुछ टिक होने के माध मंजूरी दे दी जाती है उसके बाद कंपनी प्रेस के माध्यम से जानकारी लोगो तक पहुँचती है की जो आईपीओ लाने  वाली है और अप्लाई करने की तिथि की भी जानकारी देती है सेबी के एक नियम के अनुशार कोई भी कंपनी आईपीओ लती है तो 3 दिनों में आईपीओ 90% subscribed होना अनिवार्य होता है लेकिन कंपनी चाहे तो सेबी से  कुछ ओर  दिनों की मोहलत ले सकती है ताकि आईपीओ कम से कम 90% subscribed हो सके! जब 90% subscription पूरा हो जाता है तो कंपनी को 14 दिनों का समय मिलता है शेयर को एक्सचेंज में लिस्ट करने के लिए ! 

आईपीओ का ALLOTMENT

आईपीओ में निवेश करने करने के लिए सेबी ने कुछ बिशेष नियम बनाये है जिसके अनुशार सामान्य निवेशक को सिर्फ ३५% शेयर ही आवंटित होते है अप्लाई करने के लिए सामान्य निवेशक के पास एक डीमैट खाता (DEMAT ACCOUNT)होना अनिवार्य है  ५० % शेयर FII & DII के लिए रिजर्व्ड होते है क्यों की उनको १० करोड़ से अधिक का निवेश करना होता है और १५% उनके लिए रिजर्व्ड होता है जो १० लाख का निवेश करते है जिसको HNI (HIGH NET INVESTOR) कहा जाता है सामान्य निवेशक को शेयर लाटरी सिस्टम की तरह  अलॉट होते है मतलब जो पहले अप्लाई करेगा उसको मिलने का सम्भावना सबसे ज्यादा होती है एक सामान्य निवेशक ( SINGLE PAN CARD ) से  कम से कम एक लॉट  और ज्यादा से ज्यादा  195000 रूपये की वैल्यू के शेयर के लिए अप्लाई करने की अनुमति होती है सामान्य निवेशक चाहे तो परिवार के अन्य सदस्यों के PAN CARD का इस्तेमाल करके ज्यादा से ज्यादा  लॉट  के लिए अप्लाई कर सकता है इसके लिए जिसका भी PAN CARD इस्तेमाल करना चाहता है उसके नाम पर एक डीमेट खाता होना चाहिए !

मुनाफा देने वाले आईपीओ का चुनाव कैसे करे :

सबसे पहले कंपनी के बारे में इंटरनेट पर सर्च करे क्या काम करती है कैसे काम करती है कंपनी का ग्राहक आधार क्या है, जो सामान वो बेचती है क्या भविष्य में उसकी डिमांड कैसी रहेगी ! कंपनी लम्बे समय तक टिक पायेगी या नहीं , कंपनी के प्रबंधक (MANAGEMENT ) कोण है और कैसे है उनके अतीत के बारे में अध्यन करे 
उसके बाद आईपीओ का Subscription Status जरूर चेक करे  

Subscription Status : - 

इसकी जांच करने के लिए सबसे पहले GOOGLE पर जाये और टाइप करे ("Company Name " IPO Subscription Status ) 



उसके बाद (chittorgarh.com ) पहली पंक्ति  वाली वेबसाइट को ओपन करे 



पेज के थोड़ा निचे जाने पर आप आईपीओ की सब्सक्रिप्शन स्टेटस को देख सकते है जो कुछ निचे दिए गए फोटो जैसा होगा 


इनको भी पढ़े 





















सोमवार, 13 फ़रवरी 2023

स्टॉक मार्किट में निवेश- INVESTMENT IN STOCK MARKET

Stock Market में निवेश क्यों करे  

 निवेश ( INVESTMENT ) : - ऐसे तो निवेश करने के बहुत सारे माध्यम बाजार में उपलब्ध है जैसे फिक्स्ड डिपोसिट, रियल एस्टेट, गोल्ड, सिल्वर,  इत्यादि, लेकिन ये सब हमारे पारम्परिक माधयम है ! जिसके बारे में हम लोग आपने माता पिता से सिखते है  क्यों की ये सभी बहुत ही सुरक्षित तरीके है जिसमे हम लोग निवेश कर सकते है लेकिन इसमें निवेश करने पर हमारा पैसा बहुत धीमी गति से बढ़ता है लेकिन महंगाई जिस स्पीड से बढ़ रही है हम इस तरह से निवेश करके अपनी भविष्य की योजनाओ को पूरा नहीं कर सकते ! क्यों की अगर फिक्स्ड डिपोसिट में रिटर्न सिर्फ ५-६ % मिलता है और रियल एस्टेट के रिटर्न की बात करे तो अनुमानित रिटर्न  १-२ % ही मिलता है 
INVESTMENT IN STOCK MARKET


हमे निवेश के कुछ नए तरीके को अपनाना चाहिए ताकि हमारा उद्येश्य पूरा हो सके, लेकिन नए तरीके के इन्वेस्टमेंट के बारे में जानना और अध्यन करना बहुत आवश्यक होता है मेरी जानकारी के अनुसार बहुत सारे तरीके है जिसमें निवेश करके हम अपनी भविष्य की योजनाओ को पूरा कर सकते है जैसे  :-  GOVT BOND, MATUAL FUND, INDEX FUND , STOCK MARKET इत्यादि ! आज हम स्टॉक मार्किट में निवेश करने के फायदे और नुकशान पर चर्चा करेंगे 
स्टॉक मार्किट एक ऐसा मार्केट है जंहा हमें बहुत अधिक रिटर्न मिल सकता है लेकिन अधिक रिटर्न के अलावा जोखिम भी बहु अधिक होता है इसलिए स्टॉक मार्केट में कभी भी ज्यादा निवेश करने की सलाह नहीं दी जाती है लेकिन अपनी जोखिम की सिमा को ध्यान रखते हुए थोड़ा निवेश करके सुरुवात कर सकते है जंहा पारम्परिक माध्यम में निवेश में सिर्फ ५-६% रिटर्न मिलता है उसके विपरीत स्टॉक मार्केट में आपको २०-३०% रिटर्न मिल सकता है अगर आपकी उम्र 35-40  वर्ष से कम है और आप जयदा रिटर्न के लिए रिस्क लेना चाहते है तो आपको स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट करना चाहिए ! स्टॉक में इन्वेस्टमेंट उनको बिलकुल नहीं करना चाहिए जो बिलकुल रिस्क नहीं लेना चाहते है क्यों की बाजार के ख़राब परिस्थितियों में शेयर बाजार में 50 % का गिरावट अक्सर देखने को मिलता है , लेकिन ऐसा नहीं है की गिरने के बाद वापस ऊपर नहीं जाता शेयर के कीमत वापस ऊपर भी जाते है बसर्ते आपने निवेश के लिए एक अच्छी कंपनी का चयन किया हो , जैसे - रिलायंस, हिंदुस्तानलीवेर , इत्यादि !
(ये निवेश की सलाह नहीं है सिर्फ जानकारी देने के लिए मेने उदारण लिया है )

निचे कुछ जानकारी मेंने एक चार्ट और ग्राफ के माध्यम से बताने की कोशिश की है आपको शेयर बाजार और अन्य जगह निवेश पर पांच वर्षो में कितना रिटर्न मिल सकता है 

 

 

ASSETS NAME

 

INVESTMENT AMOUNT

 

AVG.. ROI (YEARLY)

 

Fund value After 5 year

 

 

ROI
APPROX

 

SAVING A/C

100000

3% (max)

116000

16000

FIXED DEPOSIT

100000

6% (Avg.)

133000

33000

GOLD

100000

15% (max)

200000

100000

PROPERTIES

100000

5% (Avg.)

126000

26000

GOVT BOND

100000

6% (Avg.)

134000

34000

MATUAL FUND

100000

15% (Avg.)

200000

100000

STOCK MARKET

100000

45% (This is taken from naukri.com share price )

500000

400000




























ये आकड़े मैंने इंटरनेट की मदद से जुटाई है! इसमें कुछ त्रुटि की सम्पूर्ण सम्भावना हो सकती है, लेकिन परिणाम अनुमानित है जरुरी नहीं की आपको निवेश पर यही परिणाम मिले,रिटर्न हमेशा मार्केट के मौजूदा स्थिति के अनुसार मिलने की सम्भावना होती है 

GOLD PRICE CHART




ऊपर  मेने "नौकरी डॉट कॉम " का चार्ट भी दिया है आप देख सकते है जिन्होंने  "नौकरी डॉट कॉम "के शेयर में जनवरी 2018 में एक लाख निवेश किया होता उनका एक लाख का निवेश  2022 तक पांच लाख हो गया होता ! 
लेकिन दूसरी तस्वीर में आप देख सकते है की कंपनी के ख़राब स्थिति में शेयर की कीमत में 50 % की गिरावट  आयी है इसका मत्तलब आपने शेयर को जून 2022 में बेच दिया होता तो आपको अपने एक लाख के निवेश पर पांच लाख मिलते लेकिन आप इसे अभी बेचेंगे तो सिर्फ ढाई लाख ही मिलेंगे ! लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है की इसकी कीमत ऊपर नहीं जाएगी, भविष्य में इसकी कीमत और ऊपर जा सकती है लेकिन उसके लिए कंपनी के भविष्य के परिणाम पार ही तये होगा इसकी कीमत ऊपर जाएगी या निचे !





शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2023

SEBI - सेक्युरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया

 

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI)


भारत सरकार द्वारा १२ अप्रैल 1988 को सेबी का गठन किया गया था जिसका पूरा नाम सेक्युरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया है इसका  हिंदी नाम " भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड " है इसका गठन तो 1988 में किया गया था, लेकिन इसको सेबी अधिनियम 1992 का उपयोग करते हुए  पूर्ण रूप से मान्यता और वैधानिक शक्तियां 30 जनवरी 1992 को दी गयी थी! सेबी भारत सरकार के अंतर्गत वित्त मंत्रालय के स्वामित्व में  भारत में प्रतिभूतियों और कमोडिटी बाजार के लिए नियामक संस्था (Regulatory agency) है !


इतिहास

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) पहली बार 1988 में प्रतिभूति बाजार को रेगुलेट करने के लिए एक गैर-सांविधिक संस्था के रूप में स्थापित किया गया था। सेबी का मुख्यालय मुंबई में बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के व्यापारिक जिले में स्थित है और भारत में अन्य कार्यालय नई दिल्ली , कोलकाता , चेन्नई और अहमदाबाद में उपस्थित है,  और पश्चिमी क्षेत्रीय कार्यालय हैं। इसने जयपुर और बैंगलोर में स्थानीय कार्यालय खोले हैं और गुवाहाटी में भी कार्यालय खोले हैं ।वित्तीय वर्ष 2013-2014 में भुवनेश्वर , पटना , कोच्चि और चंडीगढ़ ।

सेबी के अस्तित्व में आने से पहले कैपिटल इश्यू के नियंत्रक नियामक प्राधिकरण थे; इसने पूंजी मुद्दे (नियंत्रण) अधिनियम, 1947 से अधिकार प्राप्त किया।

SEBI का प्रबंधन इसके सदस्यों द्वारा किया जाता है, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:

  • अध्यक्ष को भारत सरकार द्वारा मनोनीत किया जाता है।
  • दो सदस्य, यानी केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधिकारी।
  • भारतीय रिजर्व बैंक से एक सदस्य 
  • शेष पांच सदस्यों को भारत सरकार द्वारा नामित किया जाता है, उनमें से कम से कम तीन पूर्णकालिक सदस्य होंगे।

1999 के संशोधन के बाद, निधि, चिट फंड और सहकारी समितियों को छोड़कर सामूहिक निवेश योजनाओं को सेबी के तहत लाया गया ।

माधवी पुरी बुच ने 1 मार्च 2022 को अजय त्यागी की जगह चेयरमैन का पद संभाला , जिनका कार्यकाल 28 फरवरी 2022 को समाप्त हो गया ! माधबी पुरी बुच सेबी की पहली महिला अध्यक्ष हैं। 




स्टॉक मार्किट क्या है

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज


रविवार, 5 फ़रवरी 2023

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज-BSE

 BSE - बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज

बीएसई सेंसेक्स- (जिसे S&P BOMBAY STOCK EXCHANGE SENSITIVE INDEX  या केवल SENSEX भी कहा जाता है )
1989 में दीपक मोहोनी द्वारा पहली बार सेंसेक्स शब्द से सम्बोधित किया गया और इसका नाम सेंसेक्स रख दिया गया था । बीएसई संवेदनशील सूचकांक तब लगभग 750 अंक पर था। इसे  Sensitive और Ind ex शब्दों के  मिश्रण  से बनाया गया है  बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में  30 अच्छी तरह से स्थापित और वित्तीय रूप से मजबूत कंपनियों को स्थान दिया जाता है, जो कंपनियों की वित्तीय स्थिति के आधार पर बदलते रहती है  एक फ्री-फ्लोट मार्केट-भारित स्टॉक मार्केट इंडेक्स है । 30 कंपनियाँ जो कुछ सबसे बड़े और सबसे सक्रिय रूप से कारोबार वाले स्टॉक हैं, भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करती हैं। 1 जनवरी 1986 से प्रकाशित, S&P BSE SENSEX को भारत में घरेलू शेयर बाजारों का आधार माना जाता है। सेंसेक्स का आधार मूल्य 1 अप्रैल 1979 को 100 और इसका आधार वर्ष 1978-79 लिया गया था।. 25 जुलाई 2001 को BSE ने DOLLEX-30 लॉन्च किया , जो सेंसेक्स का डॉलर से जुड़ा संस्करण है। 


बीएसई को भारत का सबसे पुराना इंडेक्स माना जाता है और यह बाजार की मौजूदा स्थितियों को दर्शाने के लिए यह सुनिश्चित करता है की इंडेक्स की गणना फ्री फ्लोट पूंजीकरण पद्धति के आधार पर की जाये, जो बाजार पूंजीकरण पद्धति की भिन्नता है। किसी कंपनी के बकाया शेयरों का उपयोग करने के बजाय यह अपने फ्लोट या शेयरों का उपयोग करता है जो व्यापार के लिए आसानी से उपलब्ध हैं। फ्री फ्लोटिंग कैपिटल का तात्पर्य कुल पूंजीकरण घटा निदेशकों की हिस्सेदारी है। मुक्त फ्लोट पूंजीकरण पद्धति के अनुसार, किसी भी समय सूचकांक का स्तर आधार अवधि के सापेक्ष 30 घटक शेयरों के मुक्त फ्लोट बाजार मूल्य को दर्शाता है। किसी कंपनी का बाजार पूंजीकरण उसके स्टॉक की कीमत को कॉर्पोरेट क्रियाओं द्वारा जारी किए गए शेयरों की संख्या से गुणा करके, शेयरों के प्रतिस्थापन द्वारा निर्धारित किया जाता है। सूचकांक जून 1990 से वर्तमान तक पच्चीस गुना से अधिक बढ़ गया है। अप्रैल 1979 के बाद की जानकारी का उपयोग करते हुए, S&P BSE SENSEX पर प्रतिफल की दीर्घावधि दर प्रति वर्ष 18.6% काम करती है।


बीएसई को भारत का सबसे पुराना इंडेक्स क्यों  माना जाता है ?

इसका आधार वर्ष 1978-79 था इसलिए 

बीएसई का कुल बाजार पूंजीकरण (Market Capitalization) कितना है ?

बीएसई  का कुल बाजार पूंजीकरण 2022 के आकड़ो के अनुसार  276  लाख करोड़ है 
लाख करोड़ को अंग्रेजी में ट्रिलियन भी बोलते है इसलिए इसे डॉलर में कन्वर्ट करे  तो USD3.5 TRILION होता है! 

बीएसई की प्रगति दर  (Growth  Rate ) कैसे देख सकते है ?

निचे दिए गए ग्राफ में 1990 से 2021 तक की इंडेक्स की  ग्रोथ रेट दिखाई गयी है आप उसे देख सकते है 


 इनको को भी देखे :- 




गुरुवार, 2 फ़रवरी 2023

नेशनल स्टॉक एक्सचेंजज-NSE

      नेशनल स्टॉक एक्सचेंज-NSE

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) हमारे देश का  स्टॉक एक्सचेंज है,जिसका लघु नाम NSE है। इसकी स्थापना का मुख्य उदेश्य हमारे देशवासियो के स्टॉक मार्केट तक पहुँच को आसान बनाना था। इसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है, जिसकी स्थापना १९९२ में हुई थी। व्यापार की बात करे तो यह दूनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। इसकी संचार संसाधन  देश के 320 शहरों तक फैले हुए हैं। यह एक्सचेंज देश का पहला  आधुनिक और पूरी तरह से अपने-आप  चलने वाला  स्क्रीन-बेस्ड इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम प्रदान करने वाला एक्सचेंज था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को निफ़्टी ५० के नाम से भी जाना जाता है ! जिसमे विश्व भर के लोग ट्रेडिंग करते है 


NSE

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का अपना एक वेबसाइट है जिसके माध्यम से स्टॉक मार्किट की जानकारी को लोगो के लिए फ्री में मुहैया कराया जाता है इसकी वेबसाइट पर आपको प्रत्येक कंपनी के स्टॉक की जानकारी उपलब्ध नेशन स्टॉक एक्सचेंज के द्वारा कराई जाती है यहाँ पर आपको कंपनी के त्रैमासिक और वार्षिक आय की सटीक जानकारी मौजूद होती है कंपनियों में  होने वाले एक्टिविटी की जानकारी भी यह देखने को मिलती है ! 

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना कब हुई ?
इसकी स्थापना 1992 में हुई थी ! 

इसका मुख्यालय कहा स्थित है ? 
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का मुख्यालय मुंबई में स्थित है !


निफ़्टी 50 में कुल कितनी कम्पनिया शामिल है 
इसमें कुल 50 कंपनियों को बाजार पूंजी के आधार पर  शामिल किया जाता है 
 

इसे भी जाने :-  


मंगलवार, 31 जनवरी 2023

स्टॉक मार्केट कैसे सीखे -Stock Market kaise sikhe


नमस्कार!
मेरा नाम धीरज  है मैं पिछले पांच साल से शेयर मार्किट में काम कर रहा हूँ इस ब्लॉग को लिखने का मेरा  उद्देश्य सिर्फ इतना है की जो मेने पांच सालो में सीखा है वो लोगो तक पहुंचाना चाहता हूँ  इस ब्लॉग में आपको शेयर मार्किट क्या है, कैसे काम करता है, कैंडल स्टिक पैटर्न , चार्ट पैटर्न, चार्ट रीडिंग , ट्रेडिंग  रूल और बहुत कुछ जानने को मिलेगा जो एक नए इन्वेस्टर या ट्रेडर को मार्किट में काम करने में मदद करेगा!

स्टॉक मार्केट क्या है?

शेयर बाजार को हम लोग इक्विटी मार्केट भी बोलते हैं इसका मतलब हमारे देश में जितनी भी लिस्टेड  कंपनी है वह अपनी कंपनी के कुछ हिस्सेदारी के बदले शेयर जारी करते  है ताकि हम उस शेयर को खरीद कर उस कंपनी के हिस्सेदार बन सकें!

शेयर बाज़ार को दो वर्गों में बांटा जाता है, पहला प्राइमरी मार्केट और दूसरा सेकेंडरी मार्केट - जब किसी कंपनी को अपने व्यापार का  विस्तार करने के लिए धन उगाही (फण्ड रेजिंग) की जरुरत होती है। तो कंपनी IPO ले कर आती है ! धन उगाही के बहुत सरे माध्यम है  जैसे बैंक से कर्ज लेना, सम्पति के बदले कर्ज लेना, किसी बड़ी वित्तीय कंपनी  को हिस्सेदारी देकर उसके बदले धन उगाही करना! लेकिन उन सभी बिकल्पो में कोई न कोई समस्या होती है जैसे कर्ज लेने पर ब्याज देना पड़ता है और बड़ी वित्तीय कंपनी को हिस्सेदारी देने पर स्वमित्वा का अधिकार उसके पास जाने का खतरा बना रहता है इसके ठीक विपरीत आईपीओ के माध्यम से धन उगाही करने पर न ही कोई ब्याज देना पड़ता है और न ही कंपनी का एक बड़ा हिस्सा किसी एक बड़ी फर्म के पास जाने का खतरा होता है ! जब कंपनी आईपीओ ले कर आती है तो पहले निवेशक को आईपीओ में  प्राइमरी मार्किट के माध्यम से  शेयर में  निवेश करने का अवसर मिलता है !

आईपीओ आने के बाद निवेश (INVESTMENT) करने के लिए अप्लाई करना होता है उसके बाद कंपनी शेयर अलॉट कर देती 
है ! आईपीओ में अप्लाई करने के लिए रिटेल इन्वेस्टर को मिनिमम १ लॉट खरीदना जरुरी होता है ! जब आईपीओ ९० % सब्सक्राइब्ड हो जाता है तो सेबी (SEBI) लिस्ट करने की मंजूरी दे देती है लेकिन मंजूरी मिलने के बाद १४ दिनों के भीतर शेयर को एक्सचेंज में लिस्ट करना जरुरी होता है ! जब शेयर खरीद- बिक्री के लिए एक्सचेंज पर लिस्ट हो जाती है तो उसे हम लोग सेकेंडरी मार्केट बोलते है, एक प्रकार से देखे तो यहाँ पे शेयरों की नीलामी होती है। अगर किसी को कोई शेयर बेचना होता है, तो सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को ये शेयर बेच दिया जाता है। या अगर कोई शेयर खरीदना चाहता है, तो बेचने वालो मे से जो सबसे कम कीमत पे तैयार होता है उससे शेयर खरीद लिया जाता है। शेयर मन्डी (जैसे BSE and NSE) इस तरह कि बोलियाँ लगाने के लिये ज़रूरी सभी तरह कि सुविधाये मुहैया कराते है। सोचिये, एक दिन मे करोड़ो शेयरों का आदान-प्रदान होता है। कितना मुश्किल हो जाये अगर सभी कारोबारियों को चिल्ला चिल्ला के ही खरीदे और बेचने वालो को ढूंढ्ना हो। अगर ऐसा हो तो शेयर खरीदना और बेचना असम्भव हो जायेगा। शेयर मन्डियाँ इस काम को सरल और सही ढंग से करने का मूलभूत ढांचा प्रदान करती है। कई प्रकार के नियम, कम्प्यूटर की मदत, शेयर ब्रोकर, इंटर्नेट के मध्यम से ये मूलभूत ढांचा दिया जाता है। असल मे शेयर बाज़ार एक बहुत ही सुविधाजनक सब्ज़ी मंडी से ज़्यादा कुछ भी नही है। जहा शेयर ख़रीदे बेचे जाते है !

प्राइमरी मार्केट और दूसरा सेकेंडरी मार्केट-

प्राइमरी मार्केट में कंपनियां स्टॉक एक्सचेंज में पहली बार सूचीबद्ध होती है और अपने शेयर जारी करती हैं। कंपनियां आईपीओ (इनिशियल पब्लिक आफरिंग) के जरिए अपने शेयर पहली बार शेयर बाज़ार में इशू करती हैं और बाजार से पूंजी जुटाने का प्रयास करती है।
सेकेंडरी मार्केट को एक्सचेंज ट्रेडेड मार्केट भी कहते हैं। यह एक रेगुलर मार्केट है, जहां पर कंपनियों के शेयर्स की ट्रेडिंग रेगुलर बेसिस पर होती है। निवेशक शेयर ब्रोकर के माध्यम से स्टॉक एक्सचेंज में अपने ट्रेडिंग ऑर्डर्स को पूरा करते हैं।

स्टॉक मार्केट कैसे सीखें


सीखने के लिए क्या करें-

चरण-1 : आप गूगल पर इसके बारे में सर्च कर सकते हैं या किसी ऐसी किताब को पढ़ सकते हैं जो स्टॉक मार्किट कैसे काम करता है उसके बारे में बताता  हो या आप हमारी ब्लॉग https://bazaarkichaal.blogspot.com/की पोस्ट को पढ़ सकते है !

चरण-2 : जब आप ये जान गए हैं कि शेयर बाजार क्या होता है और कैसे काम करता है, तो अब शेयर बाजार की वास्तविक दुनिया में प्रवेश करने का समय आ गया है!

चरण-3:  वास्तविक दुनिया से मेरा मतलब है कि अब आपको शेयर बाजार के ग्राफ को देखना चाहिए, ताकि आप उस दुनिया से रूबरू हो जाएं!   

चरण-4: ग्राफ़ देखने के लिए आप कुछ मुफ़्त वेबसाइट या टूल का उपयोग कर सकते हैं, जैसे ट्रेडिंग व्यू, टिकर टेप इत्यादि!

चरण-5: हम अपनी आगे की पोस्ट पर शेयर बाजार कैसे काम करता है हम कैसे सीख सकते है सभी विषय पर विस्तार से चर्चा करगे ! विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए हमारे https://bazaarkichaal.blogspot.com से जुड़े रहिये !


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न  -

प्रश्न 1 : स्टॉक मार्किट को जुआ क्यों  कहा जाता   है 

उत्तर: स्टॉक मार्किट को जुआ वही कहते हैं जो सिर्फ किसी दोस्त या परिवार के कहने पर निवेश करता है और बाद में नुकसान होने पर उसकी तुलना करने लगता है।  

प्रश्न 2 : क्या शेयर बाजार में लोगो का पैसा डूब रहा है ?

उत्तर : नहीं, प्लगवाट में थोड़ा नुकसान होना तय है, लेकिन आप एक छोटी राशि (1000) से कनेक्टवात करें ताकि अधिक नुकसान न उठाएं!

प्रश्न 3 : दीर्घावधि निवेश सही है या गलत ? 

उत्तर : दीर्घावधि में ज्यादा अच्छे परिणाम मिलते हैं 

प्रश्न 4 : कर्ज लेकर पैसा निवेश क्यों नहीं करना चाहिए  ?   

उत्तर : कर्ज लेने  पर आपको ब्याज देना पड़ेगा !


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