भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI)
भारत सरकार द्वारा १२ अप्रैल 1988 को सेबी का गठन किया गया था जिसका पूरा नाम सेक्युरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया है इसका हिंदी नाम " भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड " है इसका गठन तो 1988 में किया गया था, लेकिन इसको सेबी अधिनियम 1992 का उपयोग करते हुए पूर्ण रूप से मान्यता और वैधानिक शक्तियां 30 जनवरी 1992 को दी गयी थी! सेबी भारत सरकार के अंतर्गत वित्त मंत्रालय के स्वामित्व में भारत में प्रतिभूतियों और कमोडिटी बाजार के लिए नियामक संस्था (Regulatory agency) है !
इतिहास
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) पहली बार 1988 में प्रतिभूति बाजार को रेगुलेट करने के लिए एक गैर-सांविधिक संस्था के रूप में स्थापित किया गया था। सेबी का मुख्यालय मुंबई में बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के व्यापारिक जिले में स्थित है और भारत में अन्य कार्यालय नई दिल्ली , कोलकाता , चेन्नई और अहमदाबाद में उपस्थित है, और पश्चिमी क्षेत्रीय कार्यालय हैं। इसने जयपुर और बैंगलोर में स्थानीय कार्यालय खोले हैं और गुवाहाटी में भी कार्यालय खोले हैं ।वित्तीय वर्ष 2013-2014 में भुवनेश्वर , पटना , कोच्चि और चंडीगढ़ ।
सेबी के अस्तित्व में आने से पहले कैपिटल इश्यू के नियंत्रक नियामक प्राधिकरण थे; इसने पूंजी मुद्दे (नियंत्रण) अधिनियम, 1947 से अधिकार प्राप्त किया।
SEBI का प्रबंधन इसके सदस्यों द्वारा किया जाता है, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- अध्यक्ष को भारत सरकार द्वारा मनोनीत किया जाता है।
- दो सदस्य, यानी केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधिकारी।
- भारतीय रिजर्व बैंक से एक सदस्य ।
- शेष पांच सदस्यों को भारत सरकार द्वारा नामित किया जाता है, उनमें से कम से कम तीन पूर्णकालिक सदस्य होंगे।
1999 के संशोधन के बाद, निधि, चिट फंड और सहकारी समितियों को छोड़कर सामूहिक निवेश योजनाओं को सेबी के तहत लाया गया ।
माधवी पुरी बुच ने 1 मार्च 2022 को अजय त्यागी की जगह चेयरमैन का पद संभाला , जिनका कार्यकाल 28 फरवरी 2022 को समाप्त हो गया ! माधबी पुरी बुच सेबी की पहली महिला अध्यक्ष हैं।

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